Maa (???), Paperback / softback Book

Maa (???) Paperback / softback

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''हम करानतिकारी ह और उस समय तक करानतिकारी रहग जब तक इस दनिया म यह हालत रहगी कि कछ लोग सिरफ हकम दत ह और कछ लोग सिरफ काम करत ह। हम उस समाज क खिलाफ ह जिनक हितो की रकषा करन की आप जज लोगो को आजञा दी गयी ह। हम उसक कटटर दशमन ह और आपक भी और जब तक इस लडाई म हमारी जीत न हो जाय, हमारी और आपकी कोई सलह ममकिन नही ह। और हम मजदरो की जीत यकीनी ह!* आपक मालिक उतन ताकतवर नही ह जितना कि व अपन आपको समझत ह। यही समपतति जिस बटोरन और जिसकी रकषा करन क लिए व अपन एक इशार पर लाखो लोगो की जान करबान कर दत ह, वही शकति जिसकी बदौलत व हमार ऊपर शासन करत ह, उनक बीच आपसी झगडो का कारण बन जाती ह और उनह शारीरिक तथा नतिक रप स नषट कर दती ह। समपतति की रकषा करन क लिए उनह बहत भारी कीमत चकानी पडती ह। असल बात तो यह ह कि आप सब लोग, जो हमार मालिक बनत ह हमस जयादा गलाम ह। हमारा तो सिरफ शरीर गलाम ह, लकिन आपकी आतमाय गलाम ह । आपक कध पर आपकी आदतो और परव-धारणाओ का जो जआ रखा ह उस आप उतारकर फक नही सकत। लकिन हमारी आतमा पर कोई बधन नही ह। आप हम जो जहर पिलात रहत ह वह उन जहरमार दवाओ स कही कमजोर होता ह जो आप हमार दिमागो म अपनी मरजी क खिलाफ उडलत रहत ह। हमारी चतना दिन-ब-दिन बढती जा रही ह और सबस अचछ लोग, व सभी लोग जिनकी आतमाय शदध ह हमारी और खिचकर आ रह हय इनम आपक वरग क लोग भी ह। आप ही दखिय-आपक पास कोई ऐसा आदमी नही ह जो आपक वरग क सिदधानतो की रकषा कर सक; आपक व सब तरक खोखल हो चक ह जो आपको इतिहास क नयाय क घातक परहार स बचा सक, आपम नय विचारो को जनम दन की कषमता नही रह गयी ह

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