Siddhartha, Paperback / softback Book

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जञान की खोज का लोकपरिय उपनयास, जिसन पाठको, लखको और विचारको की पीढियो को परसनन, पररित और परभावित किया ह; जो सनातक की परीकषा पास करन पर दिया जानवाला एक सदाबहार उपहार ह।

पी.बी.एस. क द गरट अमरिकन रीड दवारा अमरिका क सबस पसदीदा उपनयासो म स एक क रप म नामाकित पसतक की शरआत 1922 म भल ही हई हो, लकिन यह उस समय क जरमनी स बहत दर एक सथान और काल पर आधारित ह। यह उपनयास हरमन हसस क समय की सवदनशीलता स भरा ह, जो अलग-अलग दरशनो, परवी दशो क धरमो, जगियन रढिवादियो, पशचिमी वयकतिवाद को मिलाकर जीवन का एक अनोखा दषटिकोण सामन रखता ह। यह अरथ क लिए एक वयकति की खोज को अभिवयकत करता ह।

यह एक अमीर भारतीय बराहमण सिदधारथ की खोज की कहानी ह, जो आधयातमिक सतषटि और जञान की तलाश क लिए सविधासपनन एव आरामदह जीवन का तयाग कर दता ह। अपनी यातरा क दौरान सिदधारथ का सामना भटकत तपसवियो, बौदध भिकषओ और सफल वयापारियो क साथ-साथ कमला नामक एक दरबारी एव एक साधारण कवट स होता ह, जिसन जञान परापत कर लिया ह। इन लोगो क बीच यातरा करन और जीवन क महततवपरण मारगो, यानी परम, कामकाज, दोसती और पिततव का अनभव करन स सिदधारथ को पता चलता ह कि सचचा जञान भीतर स ही निरदशित होता ह।

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