Edgar Allan Poe Ki Lokpriya Kahaniyan Paperback / softback
by Edgar Allan Poe
Paperback / softback
- Information
Description
à¤à¤²à¤¨à¥‹à¤°à¤¾ की सदरता और मासमियत à¤à¤• सराफिम à¤à¤œà¤² की तरह थी, वह à¤à¤• कआरी कनया थी, जो कतरिमता स कोसो दर थी और फलो क बीच अपनी छोटी सी निरदोष जिदगी गजार रही थी। उसक à¤à¥€à¤¤à¤° कोई छल-कपट नही था, सिरफ à¤à¤• गहरा जननी अहसास था, जो सिरफ दिल स महसस किया जा सकता था। उसन मठअपन दिल की गहराइयो स दखा, जब हम घाटी म रग-बिरगी घास पर साथ म चल रह थ। हमार इस फसल स जो बदलाव हठथ, हम उसक बार म बात कर रह थ।
उस दिन à¤à¤•-दसर स लिपट हà¤, उसक बार म लबी बातचीत करन क दौरान à¤à¤•à¤¬à¤¾à¤°à¤—ी तो उसकी आखो म आस आ गठऔर वह उदास हो गई कि कही यह मानवता क खतम होन स पहल क आखिरी पल तो नही, जो व बिता रह थ। वह उस पल कवल उनही दःख à¤à¤°à¥€ बातो को लकर बठगई, जो हमारी बातो क बीच म बार-बार उन छवियो जसी उà¤à¤° रही थी, जस कवि शिराज क गीतो क वाकयाश की हर परà¤à¤¾à¤µà¤¶à¤¾à¤²à¥€ à¤à¤¿à¤¨à¤¨à¤¤à¤¾ म बार-बार घटित होती थी।
-इसी पसतक स
à¤à¤¡à¤—र à¤à¤²à¤¨ पो न मतय जस गढ विषयो पर गहन चितन किया और इस ही अपन लखन का विषय बनाया। उनकी कहानिया मानवीय सबधो क साथ-साथ कलपनाओ की उडान, अययारी तथा जादगरी की रोचकता स à¤à¤°à¥€ ह, जो पाठको को बाध रखती ह।
Information
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Available to Order - This title is available to order, with delivery expected within 2 weeks
- Format:Paperback / softback
- Pages:186 pages
- Publisher:Prabhat Prakashan
- Publication Date:08/02/2022
- Category:
- ISBN:9789355212139
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- Pages:186 pages
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- Publication Date:08/02/2022
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